(Updated) कंप्यूटर मेमोरी क्या है? प्रकार व सम्पूर्ण जानकारी [2022] | Computer Memory in Hindi

कंप्यूटर मेमोरी क्या हैं (Computer Memory kya hai)

कंप्यूटर मेमोरी कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण पार्ट है कंप्यूटर मेमोरी के बिना कंप्यूटर अधुरा सा है इसी लिए कंप्यूटर मेमोरी हर कंप्यूटर में होता है 
आज के इस आर्टिकल में कंप्यूटर मेमोरी क्या है?(Computer Memory kya hai) के ऊपर पूरी जानकारी आपको नीचे दिया गया आपके सारे जवाब नीचे मिल जायेगा.
कम्प्यूटर की मेमोरी किसी कम्प्यूटर के उन अवयवसाधनों तथा रिकार्ड करने वाले माध्यम को कहा जाता है, जिनमे प्रोसेसिंग में उपयोग किये जाने वाले अंकीय डेटा ( digital data) को किसी समय तक सुरक्षित रखा जाता है। कम्प्यूटर मेमोरी आधुनिक कम्प्यूटरों के मूल कार्यों में से एक अर्थात सुचना भंडारण की सुविधा प्रदान करती है। मेमोरी कंप्यूटर का वह भाग है जो डाटा तथा निर्देशों को संगृहीत करती है | 
कंप्यूटर की मेमोरी आधुनिक कंप्यूटर के मूल कार्यों में से एक अर्थात सुचना भंडारण की सुविधा प्रदान करती है यह कंप्यूटर के सीपीयू का एक भाग होती है और इससे मिलकर सम्पूर्ण कंप्यूटर बनता है |

कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार | Type of Computer Memory

Memory की primarily तीन प्रकार ये होते है :-
  1. Cache Memory
  2. Primary Memory/ Main Memory
  3. Secondary Memory

मेमोरी की इकाइयां (UNITS OF MEMORY) 

  • 8 बिट्स = 1 बाइट 
  • 1024 बाइट्स = 1 किलोबाइट (1KB) 
  • 1024 किलोबाइट =1 मेगाबाइट ) 1MB 
  • 1024 मेगाबाइट = 1 गीगाबाइट (1GB) 
  • 1024 गीगाबाइट = 1 टेराबाइट (1TB)

कंप्यूटर मेमोरी  के दो भाग होते हैं – 

  1. प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) 
  2. सेकेंडरी मेमोरी ( Secondary Memory)
  3. Cache Memory 
  4. Flash Memory
( 1 ) प्राथमिक मेमोरी (PRIMARY MEMORY) 
इसे आंतरिक या मुख्य मेमोरी भी कहते हैं यह सीपीयू से सीधे जुड़ा रहता है | इसका अर्थ है की CPU इसमें स्टोर किये गये निर्देशों को लगातार पढ़ता रहता है और इनका पालन करता है | 

प्राइमरी मेमोरी दो प्रकार की होती है RAM and ROM. 

(i). RAM रैंडम एक्सेस मेमोरी ( RANDOM ACCESS MEMORY) यह मेमोरी एक चिप पर होती है, जो मैटलआक्साइड सेमीकंडक्टर से बनी होती है | हम इस मेमोरी के किसी भी लोकेशन को चुनकर उसका सीधे ही किसी डाटा को स्टोर करने या उनमे से डाटा पढने के लिए कर सकते हैं रैम में वे प्रोग्राम और डाटा रखे जाते हैं, जिनको सीपीयू खोज सके और वहां से प्राप्त कर सके | 
इस मेमोरी को भी कई भागों में बांटा जाता है, ताकि उसमे रखी गई सुचना को व्यवस्थित किया जा सके और उन्हें पाया जा सके | ऐसे प्रत्येक भाग का एक निश्चित पता होता है | किसी डाटा बस की सहायता से हम रैम से किसी सुचना को निकाल सकते हैं या इसमें कोई सुचना स्टोर कर सकते हैं |

 रैम दो प्रकार की होती है 

(a) डायनैमिक रैम (Dynamic RAM) इसे डी रैम भी कहते हैं। डी रैम चिप के स्टोरेज सेल परिपथ में एक ट्रांजिस्टर लगा होता है जो ठीक उसी प्रकार कार्य करता है जिस प्रकार कोई ओनऑफ़ स्विच कार्य करता है और इसमें एक कैपेसिटर भी लगा होता है जो एक / विद्युत चार्ज को स्टोर कर सकता हैइसे बार बार रिफ्रेश किया जाता है जिसके कारण इसकी गति धीमी होती है। इस प्रकार डायनेमिक रैम चिप ऐसी मेमोरी की सुविधा देता है जिसकी सुचना बिजली बंद करने पर नष्ट हो जाती है।
(b) स्टैटिक रैम। (Static ram) इसे एस रैम)SRAM) भी कहते हैं। इसमें डेटा तब तक संचित जब तक विद्युत सप्लाई ऑन रहती है। स्टैटिक रैम में स्टोरेज सेल परिपथ में एक से अधिक ट्रांजिस्टर लगे रहते हैं। डायनेमिक रैम की तुलना में स्टैटिक रैम महंगा होता है।
(ii) रीड ओनली मेमोरी (READ ONLY MEMORY) ROM यह वह मेमोरी है जिसमे डाटा पहले से भरा जा चूका होता है और जिसे हम केवल पढ़ सकते हैं | हम उसे हटा या बदल नहीं सकते | वास्तव में रोम चिप बनाते समय ही उसमे कुछ आवशयक प्रोग्राम और डाटा लिख दिए जाते हैं जो स्थायी होते हैं | जब कंप्यूटर की बिजली बंद कर दी जाती है, तब भी रोम चिप में भरी हुई सूचनाएं बनी रहती हैं । 
रोम के निम्नलिखित प्रकार हैं
(a) प्रोम (PROM) यह प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी ( programmable read only memory) का संक्षिप्त नाम हैयह एक ऐसी मेमोरी होती है जिसमे एक प्रोग्राम की सहायता से सुचना को स्थायी रूप से स्टोर किया जाता है। से 

(b) ईप्रोम (EPROM) यह इरेजेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (Erasable Programmable read only memory) का संक्षिप्त रूप है। यह एक ऐसी मेमोरी है जिसको फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है। 
(C) ईईप्रोम (EEPROM) यह इलेक्ट्रोनिकली इरेजेबल प्रोग्रामबल रीड ओनली मेमोरी का संक्षिप्त नाम हैयह एक ऐसी इप्रोम है जिसके प्रोग्राम को रीसेट करने के लिए सर्किट हटाने या निर्माता को भेजने की जरूरत नहीं रहती एक विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से अपने ही कंप्यूटर में reprogram कर सकते हैं।

(2) सेकेंडरी मेमोरी (SECONDARY MEMORY) 

इस प्रकार की मेमोरी सीपीयू लगी रहती है इसलिए इसे बाह्य (external) मेमोरी भी कहा जाता है कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी बहुत महँगी होने या बिजली बंद कर देने पर उसमे रखी अधिकतर सूचनाएं नष्ट हो जाने की इसी कमी के कारण सेकेंडरी मेमोरी की उपयोगिता बढ़ जाती है इसके उदारहण है सीडी ड्राइव, फ्लैश ड्राइव, यूएसबी मेमोरी आदि |
Secondary Storage Device को Auxiliary Storage Device भी कहा जाता है। इसको कम्प्यूटर में अलग से जोड़ा जाता हैइसमें जो डाटा स्टोर किया जाता हैवह स्थाई होता है। अर्थात् कम्प्यूटर बंद होने पर इसमें स्टोर डाटा डिलीट नही होता है। आवश्यकता के अनुसार इसको भविष्य में इसमें सेव फाईल या फोल्डरों को खोल कर देख सकते है। 
1 हार्डडिस्क Hard Drive (HDD) : हार्डडिस्क (Hard Disk) या HDD एक physical disk होती है जिसको हम अपने computer की सभी छोटी बड़ी files store करने के लिये प्रयोग करते है। Hard disk और RAM मे ये फर्क होता है कि, Hard disk वो चीज है जो store करने के काम में आती है, लेकिन RAM उस storage मे रखी चीजो को चलाने के काम में आती है। जब हम computer को बन्द करते है तो RAM मे पड़ी कोई भी चीज साफ हो जाती है। लेकिन HDD मे computer बन्द होने पर भी data erase नही होता।
Hard disk के अन्दर एक disk घुमती है, जितनी तेज disk घुमती है उतनी ज्यादा तेजी से ये Data को store या read कर सकती हैHard disk के घुमने की speed को हम RPM (Revolutions Per Minute) मे नापते है। ज्यादातर Hard disk 5400 rpm या 7200 की होती है, 7200 rmp की hard disk 5400 rmp वाली से ज्यादा तेज होती है।

संरचना एवं कार्यविधिः- हार्डडिस्क चुम्बकीय डिस्क से मिलकर बनी होती है। इसमें डाटा को पढ़ने एवं लिखने के लिये एक हेड होता है। हार्डडिस्क में एक central shaft होती है। जिसमें चुम्बकीय डिस्क लगी रहती है। हार्डडिस्क की ऊपरी सतह पर एवं निचली सतह पर डाटा को स्टोर नहीं किया जाता हैबाकि सभी सतहों पर डाटा को स्टोर किया जाता हैडिस्क की प्लेट में Track and Sector होते है। सेक्टर में डाटा स्टोर होता है, एक सेक्टर में 512 बाइट डाटा स्टोर होता है। डाटा को स्टोर एवं पढ़ने के लिये तीन तरह के समय लगते हैजो निम्न है
1.Seek Time : -. डिस्क में डाटा को रीढ या राईट करने वाले Track तक पहुँचने में लगा समय सीक टाइम कहलाता है। 
2.Latency time : – Track में डाटा के Sector तक पहुँचने मे लगा समय लेटेंसी टाईम कहलाता है। 
3.Transfer Rate : – Sector में डाटा को लिखने एवं पढने में जो समय लगता हैउसे Transfer Rate कहा जाता है।
फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) : यह प्लास्टिक की बनी होती है जिस पर फेराइट की परत पड़ी रहती है यह बहुत लचीली प्लास्टिक की बनी होती हैइसलिए इसे फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) कहते है। जिस पर प्लास्टिक का कबर होता हैजिसे जैकेट कहते है| फ्लॉपी (Floppy) के बीचों-बीच एक पॉइंट (Point) बना होता है जिससे इस ड्राइव (Drive) की डिस्क (Disk) घूमती है | 
इसी फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) में 80 डेटा ट्रेक (Data track) होते है और प्रत्येक ट्रेक (Track) में 64 शब्द स्टोर (Store) किये जा सकते हैयह मेग्नेटिक टेप (Magnetic tape) के सामन कार्य करती है। जो 360RPM प्रति मिनिट की दर से घूमती है। जिससे इसकी Recording head के ख़राब हो जाने की समस्या उत्पन्न होती है|
Magnetic Tape :

Magnetic tape भी एक Storage Device हैं जिसमे एक पतला फीता होता हैं जिस पर Magnetic Ink की Coading की जाती हैं इसका प्रयोग Analog तथा Digital Data को Store करने के लिए किया जाता हैं यह पुराने समय के Audio कैसिट की तरह होता हैं Magnetic Tape का प्रयोग बड़ी मात्रा में डाटा Store करने के लिए किया जाता हैंयह सस्ते होते हैंआज भी इसका प्रयोग data का Backup तैयार करने के लिए किया जाता हैं

Optical Disk : Optical Disk एक चपटा, वृत्ताकार पोलिकर्बिनेट डिस्क होता है, जिस पर डाटा एक Flat सतह के अन्दर Pits के रूप में Store किया जाता हैं इसमें डाटा को Optical के द्वारा Store किया जाता है

आपटिकल डिस्क दो प्रकार की होती है। 

CD : – Compact Disk सीडी काम्पैक्ट डिस्क के नाम से भी पुकारते हैं ये एक ऐसा ऑप्टिकल मीडियम होता है जो हमारे डिजिटल डेटा का सेव करता है। एक स्टैंडर्ड सीडी में करीब 700 एमबी का डेटा सेव किया जा सकता है सीडी में डेटा डॉट के फार्म में सेव होता है, दरअसल सीडी ड्राइव में लगा हुआ लेजर सेंसर सीडी के डॉट से रिफलेक्ट लाइट का पढ़ता है और हमारी डिवाइस में इमेज क्रिएट करता

DVD : – Digital Versatile Disk डीवीडी यानी डिजिटल वर्सटाइल डिस्क, सीडी के बाद डीवीडी का आगाज हुआ वैसे तो देखने में दोनों सीडी और डीवीडी दोनों एक ही जैसे लगते है मगर इनकी डेटा कैपसेटी में अंतर होता है सीडी के मुकाबले डीवीडी में ज्यादा डेटा सेव किया जा सकता हैमतलब डीवीडी में यूजर करीब 4.7 जीबी से लेकर 17 जीबी तक डेटा सेव कर सकता है। डीवीडी के आने के बाद बाजार में सीडी की मांग में भारी कमी देखी गई। 
dvd
Flash Drive Pen Drive : Flash Drive Pen Drive को ही Flash Drive के नाम से जाना जाता हैं आज कल सबसे ज्यादा Flash Drive का Use डाटा Store करने के लिए किया जाता है यह एक External Device है जिसको Computer में अलग से Use किया जाता हैं यह आकार में बहुत छोटे तथा हल्की भी होती हैं, इसमें Store Data को पढ़ा भी जा सकता है और उसमे सुधार भी किया जा सकता हैं Flash Drive में एक छोटा Pried Circuit Board होता है जो प्लास्टिक या धातु के Cover से ढका होता हैं इसलिए यह मजबूत होता है यह Plug-and-Play उपकरण है आज यह सामान्य रूप से 2 GB, 4 GB, 8 GB, 16 GB, 32 GB, 64 GB, 128 GB आदि क्षमता में उपलब्ध हैं।
ऊपर दिये गये कंप्यूटर मेमोरी क्या है? के ऊपर आर्टिकल आपको पसंद आया होगा और भी कंप्यूटर से जुडी जानकारी पाने के लिए हमारे वेबसाइट में बने रहे कंप्यूटर मेमोरी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कभी न कभी आपने भी अपने फ़ोन में मेमोरी का उपयोग तो किया ही होगा.

कंप्यूटर से जुडी FAQs

1. कंप्यूटर की मेमोरी कौन सी है?
  • 8 बिट्स = 1 बाइट 
  • 1024 बाइट्स = 1 किलोबाइट (1KB) 
  • 1024 किलोबाइट =1 मेगाबाइट ) 1MB 
  • 1024 मेगाबाइट = 1 गीगाबाइट (1GB) 
  • 1024 गीगाबाइट = 1 टेराबाइट (1TB)
2. कंप्यूटर की फिक्स्ड मेमोरी क्या है?
हार्ड डिस्क, कॉम्पैक्ट डिस्क, डीवीडी, पेन ड्राइव, फ्लैश ड्राइव इत्यादि।
3. कंप्यूटर में सबसे तेज मेमोरी कौन सी है?
कंप्यूटर की सबसे तेज मेमोरी Cache Memory होती है।

Leave a Comment